Monday, March 15, 2010

Connected?

Was reminded of this dialogue by Jhanvi in लगे रहो मुन्ना भाई:
इन्टरनेट की दुनिया के तो "touch" में है, लेकिन पड़ोस में कौन रहता है, जानते तक नहीं
मोबाइल, लंद्लैन की भरमार है, लेकिंग जिगरी दोस्त तक पहुंचे, ऐसे तार कहाँ है?


We live in a connected world. But are we really connected?